आसान -ज्ञान

Simple Way To Learn Knowledge

LightBlog

Latest

Tuesday, October 23, 2018

October 23, 2018

कहानी जो आपकी ज़िन्दगी बदल देगी |Inspiring Story|

एक बार एक शहर मैं बहोत ही मशहूर पेंटर था.उसकी पेंटिंग लोग देखते रह जाते थे.जैसे ही वो पेंटिंग बनता था वो हाथो हाथ बिकती थी.उसकी पेंटिंग जैसे रियलिटी जैसे लगाती थी.फिर भी वो पेंटर इस कोशिश में रहता था की कैसे वो अपनी पेंटिंग को इम्प्रूव करे.इसके लिए वो अलग अलग चीजे करता था.जैसे की खुद्द को एक अँधेरे कमरे में बंद करता था.कभी कड़कती धुप में खड़ा होता था.कभी गुफाओ में जाकर पेंटिंग करता था और कभी पहाड़ो की चोटियों पे पेंटिंग करता था और इन सब चीजों का रिजल्ट ये था की उसकी पेंटिंग में कुछ बात होती थी कुछ ना कुछ दम होता था.

कहानी जो आपकी ज़िन्दगी बदल देगी |Inspiring Story|



फिर एक बार उस पेंटर ने एक ऐसी पेंटिंग बनाई जिसको बनाने के बाद उसको लगा की ये पेंटिंग आज तक की मेरी सबसे बेस्ट पेंटिंग है.मास्टर पीस है ऐसा कभी भी नहीं हुआ की उसने अपने इस पेंटिंग में एक भी बुराई नहीं की.लेकिन आज उसको लगा की उसकी बेस्ट पेंटिंग बन गयी है .


इस बात को प्रूफ करने के लिए शहर के सबसे भीड़ वाले जगहों पर रख दी और निचे एक नोट लगाई."अगर इस पेंटिंग में अगर आपको कोई कमी नजर आयी है तो निशान लगा दे ".अब क्यूकी वो पेंटिंग इतनी शानदार थी तो उसको विश्वास था की लोग तारीफ ही करेंगे.शाम को अपनी पेंटिंग को देखने पंहुचा और जो सीन उसने देखा उसे देखके वो हैरान परेशांन रह गया.पूरी पेंटिंग पे हर जगह निशान ही निशान थे.लोगो ने इतने निशान लगाए की वो पेंटिंग काली नज़र आ गयी थी.   
  
ये देख के वो परेशांन हो गया की जो पेंटिंग मेरी मास्टर पीस लग रही थी जो मुझे लगा की लोग इसकी तारीफ करेंगे लेकिन लोगो ने इसकी इतनी कमिया निकाली जो आज तक शायद दूसरी किसी पेंटिंग की ना निकाली हो और वो उदास हो के अपने दोस्त के पास जाता है.उस से सारी बात उसने शेयर करी.तो उसके दोस्त ने उसको एक बात बताई,की दुबारा एक ऐसी ही पेंटिंग बना और उसी जगह पार लगा. पर इस बार नोट में लिखना की अगर इस पेंटिंग में आपको कुछ भी कमी नज़र आयी तो प्लीज सुधार करे.उसने कहा चलो ये भी करके देख लेते है.

उसने वैसी ही पेंटिंग बनाई उसी जगह पर रखी और उसपे लिखा की अगर अगर इस पेंटिंग में आपको कुछ भी कमी नज़र आयी तो प्लीज सुधार करे.और जब वो शाम को अपनी पेंटिंग को देखने गया. तो उस पेंटिंग पर एक भी निशान नहीं था.लेकिन उसके बात जो पेंटर ने समझी वो हमें भी समझनी चाहिए.

जब उसने पेंटिंग पे लिखा था की पेंटिंग निकालो तो लोगो ने हर जगह मार्क की पेंटिंग काली कर दी.लेकिन जब लिखा की कोई कमी है तो उसे सुधारो तो लोगो ने एक भी निशान नहीं लगाए.मतलब क्या की "कमिया निकलना बहोत आसान है " पर "कमियों को सुधारना बहोत ही कठिन है ".


लोग कमिया तो झट से निकलते है घर में खाना खा रहे तो खाने में कमी. किसी के अकल में कमी निकाली तो किसी के शकल में कमी निकाली.टीवी के सामने बैठ जाते है और कहते है अबे ये कैसा खेल रहा है. इसे किसने प्लेयर बनाया. ये कैसी मूवी बनाई. इन्ही लोगो से जाकर सवाल पूछना. अच्छा बताई ये धोनी को और कोहली को कैसे शॉट मारने चाहिए.आप बताई ये खाना सही कैसे बनाते है.आप बताओ फिल्म कैसे बनाई जाती है.सारे  जवाब तो छोड़ो ज्यादातर लोगो के पास जवाब ही नहीं होगा.

हमारे साथ भी तो यही होता है. लोग कमिया निकालते जाते है और हम अपने confidence को खोते जाते है.खुद पे शक करते जाते है ,खुद पे डॉउट करते जाते है. "Doubt kills More Dreams Than Failures ". हम एक बार में परफेक्ट नहीं हो सकते.कमिया रहेगी उनको सुधारते रहना होगा. लेकिन "तुम्हारे बारे मे तुमसे ज्यादा कोई नहीं जानता".

लोगो की सलाह ले सकते हो,जो सलाह आप पर काम करे तो  उसपर काम कर सकते हो .लेकिन जो लोग सिर्फ गलतिया निकाल ते है उनकी वजह से अपनी सोच को अपने confidence और अपने सपनो को कमजोर मत करो.क्यूंकि तुम्हे नहीं पता तुम्हारे अंदर क्या है. जिस दिन तुम्हे पता चल जाएंगे ना उस दिन तुम्हारी जिंदगी बदल जाएगी.

धंन्यवाद दोस्तों                    

Sunday, October 21, 2018

October 21, 2018

समय अच्छा हो या बुरा ईश्वर हमेशा हमारे साथ है ..!

जिंदगी को जीने की कगार पर हम कभी कभी जिंदगी देने वालो पर भी शक करते है.क्यों ?
शायद आपने ये कहानी कही न कही सुनी होगी और इसे जीतनी बार सुनोगे ईश्वर के प्रति आपका विचार और ज्यादा बढ़ता चला जायेगा.

samay accha ho ya bura ishwar hamesh sath hai motivational story


ये कहानी है ऐसे लडके की जिसे अपनी जिंदगी मैं बहोत बड़ा आदमी बनना था.वो बहोत ही मेहनती लड़का था.उसे आपने ईश्वर पर बहोत ज्यादा विश्वास था.उसे लगता था की ईश्वर हमेशा उसके साथ है.रोज़ सुबह वो बीच पर घूमने ज्याता था तो वहापर उसे दो पैरो के निशान दिखते थे .एक खुद के और बाजु में ईश्वर के.उसे लगता था की वो ईश्वर से बाते कर रहा है.

धीरे धीरे वो मेहनत करता चला गया और बहोत ही ज्यादा सफल हो गया.वो उस के एरिया का बहोत ही पैसे वाला और नामी इंसांन बन गया.लेकिन आपको पता ही होगा.समय हर वक़्त सही नहीं रहता.मतलब अच्छा समय के बाद बुरा और बुरे के बाद अच्छा समय आता है.

तो जब उसका अच्छा समय चल रहा था तो ईश्वर उसके साथ थे. पर हुआ ये की उसका बुरा समय आ गया. उसके कंपनी को बहोत ही ज्यादा घाटा होने लगा और उसकी कंपनी बंद होने की कगार पर आ गयी.

एक दिन सुबह उठकर वो बीच पर गया तो उसने देखा की वह दूसरे पैरो के निशान नहीं थे.वो बहोत घबरा गया और बहोत ग़ुस्सा हो गया की जब मेरे अच्छा समय चल रहा था तो ईश्वर मेरे साथ थे. लेकिंन जब मेरा बुरा समय आया तो ईश्वर ने मेरा साथ छोड़ दिया.

अब ये लड़का मेहनती तो था और इसने मेहनत करना नहीं छोड़ी और क्यूंकि ईश्वर के साथ इसकी बाते होती थी.तो इसे सारे नियम पता थे.तो ये मेहनत करता गया करता गया और वापस से उसी कंपनी को उसी मुकाम तक लाया जिस पर पहले थी.

लेकिन कुछ दिनों के बाद उसने महसूस किया की दूसरे साइड उसे उन्ही पैरो के निशान दिखाई दिए. लेकिन ये काफी ग़ुस्सा था और इसने अपना मुँह दूसरी तरफ किया और कहा की मैं तुमसे बात नहीं करूँगा. उधर से आवाज़ आयी क्यों क्या हुआ.तो उस लड़के ने कहा की जब मेरे अच्छा समय चल रहा थे तो आप मेरे साथ थे और जब मेरा बुरा समय आया तो आपने मेरा साथ छोड़ दिया.उधर से आवाज़ आयी तुम्हे कैसे पता चला.उसने कहा की जब मेरा अच्छा समय था तो मुझे दो पैरो के निशान दिखे एक मेरे और एक आपके, लेकिन जब मेरा बुरा समय आया तो एक ही पैर के निशान मुझे दिखे जो की मेरे थे.

उधर से आवाज़ आयी नहीं. जब तुम्हारा अच्छा समय चल रहा था तो भी मैं तुम्हारे साथ था और जब तुम्हारा बुरा समय चल रहा था तो भी मैं तुम्हारे साथ था.जब तुम्हारा बुरा समय चल रहा था तो तुम्हे एक ही पैर के निशान दिखे वो तुम्हारे नहीं मेरे पैरो के निशान थे.उसे आश्चर्य  हुआ कैसे.

उधर से आवाज़ आयी की जब तुम्हारा बुरा समय चल रहा था तो मैंने तुम अपनी गोदी में उठाया था और तुम्हारे दोनों पैर ऊपर की और थे और जो निशान थे वो मेरे पैरो के थे.

मुझे लगता है की ये कहानी आपको समझ आयी होगी की ईश्वर हमेशा हमारे साथ है.चाहे अच्छा समय हो या बुरा.वो परम पिता मालिक हमेश हमरे साथ है और कभी भी हमरा साथ नहीं छोड़ते है.हमें सिर्फ कर्म करते रहना है.

दोस्तों ये कहानी आपको पसंद आयी होगी हमेशा की तरह और हमेशा खुश रहे  और अपना काम करते रहे.

धन्यवाद     


इसे भी पढ़े   :               

Wednesday, October 17, 2018

October 17, 2018

ख़ुशी आपके अंदर है बाहर नहीं !


एक बार सेठ जी की दुकान पर एक आदमी काम करता था. बड़ी मेहनत से काम करता था, बड़ी लगन से  काम करता था. सेठ जी बड़े खुश थे, आदमी खुश था. कुछ अच्छा चल रहा था. 1 दिन उस आदमी ने बिना बताए छुट्टी कर ली, यानी अपने काम से छुट्टी  ली. वह गायब हो गया. सेठ जी ने कहा कि चक्कर क्या है बताया क्यों नहीं. क्या वजह हो सकती है . सेठी ने सोचा कि शायद पैसों की कमी हो सकती है. लड़का बड़ा मेहनती है, तो फिर सेठ जी ने  तनख्वाह बढ़ाने का सोच लिया 

                           ख़ुशी आपके अंदर है बाहर नहीं !

अगले दिन हो जब काम पर आया तो सेठ जी ने कहा देखो भैया तुम्हारी तनख्वाह बढ़ा दी गई है. अगले तारीख को उसके को पैसे ज्यादा मिल गए लेकिन उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया. सेठ जी को धन्यवाद नहीं दिया,  नाही खुश हुआ.अपना काम करता गया सेठ जी को लगा कि पैसा बढ़ा दिया गया तो और लगन से काम करेगा.



कुछ महीनों के बाद वह आदमी पेड़ से छुट्टी पर चला गया. आया नहीं सेठ जी को बड़ा गुस्सा आया अजीब आदमी है एक तुम ही उसका पैसा बड़ा है, ना ही उसने मुझे धन्यवाद कहा ना मुझे के कुछ बताया ना अपनी जिम्मेदारी समझी और फिर से छुट्टी कर गया. सेठ जी बड़े गुस्से में थे आदमी काम करने आया सेठ जी ने कहा कि देखो भैया तुम्हारा पैसा फिर से हटा दिया गया है. जो सैलरी तुम्हें पहले मिलते थी वही तुम्हें आज मिलेगी.


अगले महीने तारीख का है  और फिर से जी ने उसे पहले जितने की तनख्वाह दी.इस बार भी उसी लड़के ने  कोई भी रिएक्शन नहीं दिया ना खुश हुआ, ना दुखी हुआ.सेठ जी ने उसे बुलाया पूछा तो बताओ बात क्या है. जब तुम्हारे पैसे  बढ़ाएं तब तुम खुश नहीं हुए. जब तुम्हारे पैसे कम किए तब तुम  खुश नहीं हो आखिर चक्कर क्या है आदमी ने क्या कहा वह ध्यान से सुनिए.

सेठ जी जब पहली बार में छुट्टी पर गया .तब दिन मेरे घर बच्चा पैदा हुआ और आपने  मेरी तनख्वाह को बढ़ा दी  तुम मुझे लगा कि ऊपर वाले ने मेरे बच्चे का हिस्सा मुझे दिया तो मैं ज्यादा खुश नहीं हुआ.

दूसरी बार जब मैं नहीं आया अब मेरी मां का देहांत हो गया और जब आप ने मेरी तनख्वाह को घटा दिया तब मुझे लगा कि मेरी मां मेरे हिस्से का अपने साथ ले गई तो फिर मैं वह घटे हुए पैसों के लिए परेशान क्यों हु.

यह बात सुनने के बाद सेठ जी उसे अपने गले लगाया.

एक छोटी सी कहानी हमें यह बताती है हमारी जिंदगी में कितने सारे Up and down आते हैं .कई बार बहुत अच्छा वक्त आता है कई बार बहुत बुरा वक्त आता है उस आदमी को देखिए जब उसका पैसा बड़ा तो  आदमी उछला नहीं. ना ज्यादा खुश हुआ.

और जब बुरा वक्त आया तो ज्यादा दुखी भी नहीं हुआ कहने का मतलब बड़ा सिंपल है.  सिकंदर वही होता है जो हर वक्त को पार करके आगे बढ़ जाए.इसलिए दोस्तों जिंदगी के दबाव में आना बंद कर दीजिए और अपनी जिंदगी खुशी से  जी ले. अगर कोई किसी दुकान पर मिलती दुनिया में हर इंसान दुखी नहीं होता लेकिन खुशी आपके अंदर है ढूंढने से आपको नहीं मिलेगी इसलिए खुशी को महसूस कीजिए.



 धन्यवाद

Sunday, October 14, 2018

October 14, 2018

अगर आप हर बात पे ग़ुस्सा करते हो तो ये कहानी आपके लिए

लोग क्या कहेंगे ये कभी भी मत सोचना क्यों क्यों की लोग और जमाना काफी अजीब है. जमाना नाकामयाब लोगो का मजाक उडाता है और कामयाब लीगो से जलता है.दोस्त आज की कहानी है की एक राज्य में राजा का दरबार लगा था और सर्दियों के दिन थे तो दरबार धुप में लगा था.राजा के सभी लोग बैठे हुए थे दीवान ,मंत्री,राजा का परिवार , पंडित हर कोई बैठा हुआ था.राजा के सामने मेज रख दी गयी थी.

अगर आप हर बात पे ग़ुस्सा करते हो तो ये कहानी आपके लिए


तभी अचानक भीड़ में से एक आदमी आता है और कहता है की मुझे राजा साहब से मिलना है.मेरे पास दो चीजे है जिनकी मैं परीक्षा लेना चाहता हु.राजा तक बात पहुंच गयी राजा ने कहा आने दीजिये.उस आदमी को खुले दरबार में आने की अनुमति दी गयी और वो वह पहुंच गया इजाजत ले करके.

राजा के कहा बताओ बात क्या है.आदमी ने कहा मेरे पास दो चीजे है एक जैसे दिखने वाली एक आकार की बिलकुल एक समान. लेकिन इनमे से एक हीरा है और एक कांच है और अब तक मैं कई राज्यों में गया हु कई राजाओ से मिला हु.लेकिन इनमे से कोई भी नहीं पहचान पाया की असली हिरा कोनसा है और नकली हिरा कोनसा है.आपकी भी परीक्षा लेना चाहता हु आपके दरबार में कोई बुद्धिमान है.


जो ये बता सके और अगर किसी ने सही बताया तो ये हीरा आपके राज्य के खजाने में जमा किया जायेगा. लेकिन अगर नहीं बता पाए तो इस हीरे की कीमत आपको मुझे देनी होगी.बस इसी तरह मैं जीतता चला आ रहा हु.राजा ने कहा ठीक है आप पेश करे.राजा के सामने वाली मेज पर ये दोनों चीज को रखा दिया गया.एक हिरा और दूसरा नकली हिरा.


राजा ने सब लोगो से कहा अपने दीवानोसे मंत्रियोसे सब से कहा की एक एक कर के आओ और बताओ .कुछ लोगो ने हिम्मत की, कुछ लोगो को लगा की अगर राजा साहब हार गए तो उल्टा दोष हमपर आ जायेगा.तो कुछ आगे नहीं आये.राजा को समझ  नहीं आ रहा था और यहाँ उनकी हार हो रही थी.तभी भीड़ में से एक अंधे बाबा बहार आ गए और उन्होंने कहा की राजा साहब से मुझे मिलने दिया जाया मैं एक बार कोशिश करना चाहता हु.राजा तक बात पहुंची की एक अंधे बाबा है जो एक बार कोशिश करना चाहते है.राजा ने कहा ठीक है किसीसे हो नहीं रहा तो इन को भी मौका दे देते है.अंधे बाबा आगे आये और एक मिनट में उन्होंने बताया की असली हीरा कोनसा है और नकली कोनसा है.


हर कोई खुश हो गया हर कोई चौक गया की क्या बात है,राजा का सम्मान बच गया राज्य में एक हिरा आ गया.हिरे को तिजोरी में जमा करने की तैयारी होने लगी.पर इन सब के बिच राजा ने बाबा से पूछा की बाबा एक बात तो बताओ की अपने पहचाना कैसे .बूढ़े बाबा ने कहा की बहोत आसान था.हम खुले में बैठे है ,धुप में बैठे है. जो धुप में गरम हो गया वो कांच और जो ठंडा रह गया वो हिरा.


इस कहानी से हमें ये सीखने को मिलता है की जिंदगी में हम छोटी छोटी बातो पर ग़ुस्सा करते है नाराज़ होते है अपनों से नाराज़ होते है और जिंदगी में हमारे दोस्त कम होते जाते है.इससे अपने कम होते है, रूठते चले जाते है.जिसने जिंदगी में आपा नहीं खोया. जो विपरीत परिस्थितियों में भी टिका रहा .ठंडा रहा वही जीतता है, वही सिकंदर कहलाता है और इसीलिए जिंदगी के दबाव में आना बंद कीजिये.


हम कई बार हर बात पर रूठते है अपनों से खफा हो जाते है.क्यों की आपको या आपकी बात कोई टाले ये आपको बर्दाश्त नहीं होता और कई बार हम हारते है अपनों से.तो इसलिए दोस्तों ठंडा रहे ग़ुस्से को कण्ट्रोल कीजिये दिखिए आप कितना अच्छा महसूस करेंगे और जो आपपे ग़ुस्सा है वो अंदर ही अंदर टूटता चला जायेगा.तो फिर आप उन्हें भी ये बात समझाए और हमेशा खूश रहे.

धन्यवाद् ....!                            

Saturday, October 13, 2018

October 13, 2018

अपनी सोच बड़ी कीजिये और बड़े आदमी बन जाईये || Motivational Story

इस दुनिया मैं जिस दिन अपने सोच बड़ी कर दी उस दीन बड़े बड़े लोगो के दिमाग मैं आप आ गए.आप खुद एक बड़े इंसान बन जायेंगे. हेलो दोस्तों मेरा नाम है आशिष आप पढ़ रहे आसान ज्ञान. आज की स्टोरी है एक भिखारी की,एक भिखारी रेलवे स्टेशन पर रहा करता था.उसका रोज़ का काम था.एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन से ज्याता था और इधर उधर लोगो को भीख मांगता था,कभी कभी पैसे मिलते कभी नहीं मिलते ऐसे ही उसकी जिंदगी चलती थी.एक दिन ऐसे ही वो ट्रैन  मैं भीख मांग रहा था, उसे एक सूट बूट मैं आदमी दिखाई दिया  उसको लगा की ये आदमी व्यापारी लगा रहा है ये मुझे ज्यादा पैसा देगा. उसने उससे पैसे मांगने शुरू किये.

अपनी सोच बड़ी कीजिये और बड़े आदमी बन जाईये || Motivational Story



वो आदमी थोड़ी देर देखता रहा और चिल्लाया तुम्हे तमीज नहीं है मुझे तुम्हे पैसे नहीं देने है तो क्यों तुम मेरे पास पैसे क्यों मांग रहे हो,क्लो ठीक है तुम्हारे पास क्या है मुझे देने के लिए मैं तो तुम्हे पैसे दूंगा पार तुम मुझे क्या दोगे.
भिकारी ने कहा बाबूजी मेरे पास तो देने के लिए कुछ नहीं है. मैं तो खुद भिखारी हु.मेरी औकात ही क्या है जो मैं आपको कुछ दे सकू .तो उस व्यक्ति ने कहा जब कुछ दे नहीं सकते तो मांगना बंद करो.


वो आदमी तो स्ततिओ पे उतर गया.ये भिखारी उतर गया और सोचने लगा की मैं क्या दे सकता हु. उसने आस पास देखा उसे कुछ पौधे दिखे उसमे कुछ फूल लग हुए थे. उसने देखा की मैं कुछ फूल दे सकता हु अगर मैं पैसे मांगू तो. तो अगले दिन से उसने ये प्रोसेस शुरू की,कोई उसे भिक देता तो उनको वो फूल देता. तो इससे लोगो को भी अच्छा लगने लगा की चलो अच्छा है की पहेली बार देखा की कोई फूल दे रहा है. ऐसा कुछ दिनों तक चलने लगा,फिर से वो आदमी उसे ट्रैन मैं दिखाई दिया. वो भिखारी जल्दी से उसके पास गया और  बोला बाबूजी मरे पास देने के लिया कुछ है पहले आप मुझे भीख दो.


उसने विश्वास करके कुछ पैसे दिए, तो भिखारी ने होने झोली मैं से निकालकर उसको फूल दिया.वो बड़ा खुश हुआ उसने कहा अब तुम व्यापार करने लगे हो.अब तुम्हे समझ मैं आया की लेंन देंन क्या होती है. "जिंदगी मैं जब तक कुछ दे नहीं सकते ,कुछ भी लेना नहीं चाहिए ". ये बोलकर के व्यक्ति स्टेशन पर उतरकर चला गया.भिखारी उसके दिमाग मैं  ये बाद जम गयी,उसने सोचा कुछ न कुछ तो मामला है. वो स्टेशन से उतर गया और जोर से चिल्लाने लगा की "मैं भिखारी नहीं व्यापारी हु" और मैं भी उस आदमी की तरह बन के दिखाऊंगा मैं भी एक दिन सूट बूट पहन के घूमूँगा. बड़ा बैग होगा पैस होंगे.ये बोलके आस पास के लोग बोलने लगे की पागल हो गया.

6 मैंने तक वो भीखारी दिखाई नहीं दिया.६ महीने के बाद दो सूटेड बूटेड आदमी एक दूसरे से मिलते है .ये वाला बंदा उस आदमीसे पूछता है. नमस्कार पहचाना ये हमारीतीसरी मुलाकात है.  तो वो कहता है नहीं शायद हम पहिली बार मिल रहे है.तो वो व्यक्ति कहता है नहीं नहीं दो बार पहले मिल चुके है . उसने कहा मैं वो भिखारी हु. जिसको आपने पहिली बार सिखाया की लेंन देंन क्या होता और वो कितने बड़ी बात होती है.

तो दूसरी बार मैं सिखाया था की अगर मैं मेरी सोच आप की तरहा बड़ा कर दूंगा टी में आपकी तरह बड़ा आदमी बनूँगा और देखिये मैं आज आप की तरह  बन गया. मैंने पहले फूल तोड़कर लोगो को देने शुरू किये .फिर मैंने फूल बेचने शुरू किये और आज मैं फूलो का बड़ा व्यापारी बन चूका हु  और मेरा फूलो का बहुत बड़ा बिज़नेस है.

दोस्तों ये छोटी सी कहानी हमें बहुत कुछ सीखा देती है की जब तक आप एफर्ट नहीं लगाएंगे,शक्ति नहीं देंगे अपनी जिंदगी मैं तब तक आपको रिजल्ट नहीं मिलेगा और दूसरी बात हम लाइफ टाइम यही सोचते है की मेरी ज़िन्दगी यही तक है.

तो मैं एक बात कहना चाहता हु की अपनी चादर को बड़ी कीजिये तो आप आराम से पैर फैला सके.और दोस्तों कुछ भी मुश्किल नहीं है जिंदगी मैं अगर कुछ करने का जस्बा है तो सब कुछ मिल सकता है.कभी भी जन्दगी मैं हार मत मानिये,हो सकता थोड़ा रुकिए और फिर से शुरू कीजिये .

दोस्तों मैं आशा करता हु आशा नहीं बल्कि मुझे यकींन है की ये कहानी आपको जरूर पसंद आयी होगी तो चलिए मैं आपको दोस्त आशिष जल्दी ही नए पोस्ट में मिलेंगे.                      

Monday, October 8, 2018

October 08, 2018

हमेशा मोटीवेट कैसे रहे हिंदी में ? How to stay Motivate Everytime In Hindi ?

कोई भी इंसान जिंदगी मैं सीधे नहीं चल सकता.मतलब की इंसान के लाइफ में हमेशा सुख दुःख आते रहेंगे. लाइफ का graph हमेशा up या down होता रहेगा. ये सिलसिला हमेशा से है और हमेशा आते जाते रहेंगे.तो इस टाइम हम ज्यादातर Demotivate यानि हममें एनर्जी नहीं रहती.  तो फिर किसी भी situation में हम अपने आपको motivate कैसे रखेंगे.ये एक question है.Demotivate जिसे आप बुरा बोल रहे हो ये बुरी चीज नहीं है.इस चीज में आप rest कर सकते हो.अपने कभी animal को observe किया होगा. चलिए उदाहरण से समझते है.

हमेशा मोटीवेट कैसे रहे हिंदी में ? How to stay Motivate Everytime In Hindi ?


कभी शेर को देखा होगा टीवी पर वो शेर शिकार करने के लिए आधा या १ घंटा एक ही जगह पर बैठता है. बिना कोई हलचल किये.मतलब वो अटैक करने की तैयारी कर रहा है.की जैसे ही शेर को मौका मिलेगा वो हमला करेगाही.उस टाइम अगर वो ये सोचेगा की में demotivate क्यों हो रहा हु में attack ही करता रहु ना पूरा दिन.अगर वो पूरा दिन attack ही करता रहेगा तो दिनभर भी वो कुछ नहीं कर पायेगा. उसे कुछ भी नहीं मिलेगा.

हमेशा मोटीवेट कैसे रहे


क्यूंकि वो एक ही जगह पर टिक कर के बैठा रहता है. यानी सब एक ही position पे है मतलब rest ही हुआ.लेकिन awareness पूरी है. सोया हुआ नहीं है पर तैयारी पूरी है अगली छलांग मारने की लिए.तो इस चीज से power आ जाती है action में.तो motivation  means doing something .आप का ये सवाल है की हमेशा कुछ ना कुछ करता रहूँगा हमेस motivated कैसा रहूँगा और ऐसा कैसे होगा.जब कुछ करोगे तो रुकोगे भी ना.इसे एक कहानी से समझते है, अपने भी कहानी कही से सुनी होगी.

दो लकड़ी कटाने वाले रहते है. एक दिन में दोनों ही 10 पेड़ काटते थे.कुछ टाइम बाद एक बंदा 10 से 20 पेड़ कटने तक पंहुचा और दूसरा 2 पेड़ पर आ गया.जबकि मेहनत वो एक वाला ज्यादा कर रहा था.और जो 20 वाला था वो काम कर रहा था. ये 2 घंटे काम कर रहा था जब की ये 8 घंटे काम कर रहा था लेकिन इसके बावजुत भी वो दो ही पेड़ काट रहा था  और वो चार घंटे में 20 पेड़ काट रहा था . तो वो क्या कर रहा था जब उनसे जाकर पूछा तो वो 4 घण्टे पेड़ काट रहा था और वो बाकीके 4 घंटे उसके कुल्हाड़ी की धार तेज़ कर रहा था.

तो आप कितनी धार तेज़ करते हो,जिस brain से आपको सोचना है करना है.कभी सोचा है.                                      
इस body के ऊपर कितना काम करते हो.इस बॉडी के ऊपर हम काम नहीं करते.फ़ी बात करते है lazyness की आलस की. वो तो फिर आनी है. बॉडी के ऊपर कितना काम कर रहे हो उसकी धज्जिया तो उड़ा रहे हो.9 ,10 घण्टे तक मोबाइल पर लगे हुए हो. ये सब हम कर रहे है. इसके वजह से blood पूरी  तरह से brain तक नहीं पहुछ रहा और पूरी सुस्ती आती है. जिसे आलस या lazyness बोलते है.आप बॉडी के ऊपर काम नहीं कर रहे. 

या फिर अपने mind के लिए क्या काम रहे हो उसकी power बढ़ाने के लिए वो कैसे बढाती है.  

  • 1. Blood circulation  से  और 
  • 2. Best  से 


Rest मतलब सोना नहीं है, आप aware हो पर कुछ नहीं कर रहे हो. उसके वजहसे brain sharp हो जाती है.उतनी sharp हो सकती है जिसकी कोई हद नहीं है. आपको पता होगा शायद जो scientist होते है वो कई कई घंटो तक या कई कई दिनों एक ही जगह पर बैठते थे. सबकुछ छोड़ कर  और जब कुछ नहीं कर रहे होते थे तब discovery होती थी.उसके बाद भी कई scientist आये और चले गए, कभी कुछ तो कभी कुछ दिन रात लगे रहे और कुछ नहीं कर पाए. करने से सबकुछ थोड़ी ना होता है.

जब आप कुछ नहीं कर रहे हो  मतलब सोये नहीं हो. कुछ भी नहीं कर रहे हो. ना अंदर ना बाहर  उस वक़्त क्या होता है उअस वक़्त आपकी ब्रेन computer की तरह होती है जो अभी अभी format हुआ है और उसके बाद जैसे ही कोई thought उसके अंदर ज्याता है.एकदम से प्रोसेस कर के बहार आता है. तो ये है actual Solution .

और ये काफी खतरनाक state है अगर इसको आप achieve  करने को कोशिश कर रहे हो की में हमेशा motivated कैसे रहु की आपको समझ ही नहि आ रहा की आप कर क्या रहे है. 

अगर आप हमेशा काम हि करते रहोगे हमेशा motivate ही रहोगे? तो कभी भी सोच नहीं पाओगे.सोचने के लिए टिक कर के बैठना आना चाहिए. ब्रेन को silent करते आना चाहिए.

तो दोस्तों आप को ये बात समझ गयी होगी की हमेशा motivate कैसे रहे ? मतबल ब्रेन को silent कैसे करे.ये बात मैंने अपने मन से नहीं बनायीं मैंने कही ये बात से पढ़ी है और किसी वीडियो से सीखी है. तो मुझे लगा की ये बात में आप को बताऊ की actual में होता क्या है .तो article पूरा पढ़ने के लिए बहोत धन्यवाद. 

    

Friday, October 5, 2018

October 05, 2018

हर दिन productive और Energetic कैसे रहे ?

हर दिन productive और Energetic कैसे रहे ?


हेलो दोस्तों

आज का हमारा टॉपिक है Productive ,मतलब दिनभर energetic कैसे रहे.जब  हम सुबह उठते  है तो हम काफी थका हुआ महसूस करते है.और सारा दिन थकान रहती है.तो कैसे हम दिनभर energetic रहे? इस बात को हम जानते है पर हम follow नहीं करते.हम अपनी बॉडी के लिए सुबह से रात तक क्या कुछ नहीं करते.बॉडी को maintain करने के लिए. पर आप अपने mind के लिए क्या करते है.कुछ नहीं करते और mind ही बॉडी को कण्ट्रोल करता है.जब आप किसी energetic इंसान को देखते हो जैसे की "संदीप माहेश्वरी " तो वो उनके बॉडी की नहीं उनके mind की energy होती है.

लेकिन वो energy मिलती कहा से है. मैंने पहले ही कहा था हम सब mind के लिए कुछ नहीं करते,जब आप का mind track पर होंगे तो आप कुछ भी करेंगे कोई भी कुछ भी करेगा.

हम इंसानो के अंदर इतनी power है जिसकी कोई limit  नहीं है.हम मैं से कोई भी इंसान चाहे तो पूरी की पूरी दुनिया को हिला सकता है और यही हमारा सबसे बड़ा डर है. वही डर हमें रोकता है आगे बढ़ने के लिए और इसीलिए हम इधर उधर भागते है.तो point पे आते है. तो क्या करना चाहिए पूरा दिन energetic या फिर productive  रहने के लिए.               

1.सबसे पहले आपको सूरज के साथ उठाना होगा.सूरज जब निकालता है उससे पहला उठना है.ऐसा करने से हमारा दिमाग, बॉडी  पूरी  तरह से ऊर्जावान रहती है और हम सभी कार्य के लिए काफी एक्टिव हो जाते है.हमें सुबह जल्दी उठाने के लिए जल्दी सोना पड़ेगा.और कम से कम 7 घंटे की नींद पूरी हो.क्यूंकि इसके वजहसे हमारा पूरा दिन अच्छे से निकलेगा.
सबसे पहले उठाने के बाद फ्रेश हो जाये और साथ ही अपनी nose को clean करे क्यों की इससे ऑक्सीजन ज्यादा मात्रा मैं हमारे शरीर मैं जायेगा.

उसके बाद आपको गुनगुना पानी  निम्बू डालके पीना है .निम्बू हमारा immunity system बढ़ता है.जिसकी वजह से हमारे शरीर के सारे टॉक्सिक प्रोडक्ट बहार निकलते है.गुनगुना पानी पिने से हमारा metabolism improve होता है.

उसके बाद आप थोड़ा warm up कर लीजिये ताकि आपके बॉडी के हर पार्ट मैं ऑक्सीजन पूरा जाये जिसकी वजह से आप काफी active महसूस करेंगे.

2.Meditation :

आप सभी को पता है की ध्यान क्या है.ध्यान से हमारा mind  track पे रहता है. minute के लिए रो चाहे १ घंटे के लिए करो पर meditation हर रोज़ करो.

Benefits Of Meditation


  • ध्यान एक विद्या है जो जीवन को recharge करती है.
  • तन और मन दोनों को क्रियाशील बनती है.
  • अगर आप निरोगी रहना चाहते हो तो ध्यान से बड़ा कोई वरदान नहीं.
  • कमजोर दिमाग और भूलने की समस्या से मुक्ति मिलती है.
  • गुस्सा कम आता है और आपके काम बिग़डनेसे बच जाते है. 


2.अच्छा पढ़ो 

कुछ न कुछ अच्छा पढ़ो एक दिन मैं. अच्छा मतलब newspaper नहीं और  TV देखना भी नहीं .अच्छा मतलब कुछ ऐसा जिससे मेरे अंदर की negative एनर्जी वो खतम हो.तो उसे बाहर निकले ने के लिया थोड़ा पढ़ो.Books पढ़ो,उसमे से कुछ अच्छा पढ़ो ताकि आप का उत्साह और बढे.

3.अच्छी बाते 

कुछ अच्छा बोलो दुसरो से.जब आप दुसरो को अच्छा या उसे energy दे रहे हो तो आपकी भी energy बढ़ रही यही.जब आप किसी को खुशिया बटाते हो तब आप की भी ख़ुशी बढाती है.आपभी अंदर से pieceful होते जाते हो.आप कही भी हो हमेश अच्छी बाते करो.ऑफिस मैं घर मैं अच्छी बाते बोलो .बुरी बाते भी होती है, अगर problem है तो solution निकालो.     
आपको पूरा दिन productive रहना है तो आपकी शुरुवात काफी अच्छी होनी चाहिए.

4.To do लिस्ट :

आपको दीन मैं जो भी काम करना है उसकी लिस्ट बनाओ.सही से उसे arrange करो .उसे अपने साथ रखो पुरे दिन.और जैसे जैसे काम होते जाये उसे mark करो.जो भी आपका काम है उसे आप आसानी से कर सकते हो.और इससे आपका कोई भी दिन वास्ते नहीं जायेगा.

क्यूंकि जब भी आप इसे देखोगे अपने mind को reminder मिलेगा और आपका time Waste  नहीं होगा .अपने ध्यान से देखा होगा आप दिन मैं ऐसे काम करते हो जो आपकी success के लिए कोई मायने नहीं रखता.और आपका maximum time फालतू चीजों मैं Waste होता है.ये टाइम आप को और productive और energetic बना देगा और इससे आप का पूरा दिन  productive या energetic बना  रहेगा.

ये थे कुछ टिप्स जो आप अपना दिन पूरी energy से भरपूर जिए और हमेश आगे बढ़ते रहिये 
तो दोस्तों कैसी लगी ये पोस्ट comment करके बता दीजिये.