इस दुनिया मैं जिस दिन अपने सोच बड़ी कर दी उस दीन बड़े बड़े लोगो के दिमाग मैं आप आ गए.आप खुद एक बड़े इंसान बन जायेंगे. हेलो दोस्तों मेरा नाम है आशिष आप पढ़ रहे आसान ज्ञान. आज की स्टोरी है एक भिखारी की,एक भिखारी रेलवे स्टेशन पर रहा करता था.उसका रोज़ का काम था.एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन से ज्याता था और इधर उधर लोगो को भीख मांगता था,कभी कभी पैसे मिलते कभी नहीं मिलते ऐसे ही उसकी जिंदगी चलती थी.एक दिन ऐसे ही वो ट्रैन मैं भीख मांग रहा था, उसे एक सूट बूट मैं आदमी दिखाई दिया उसको लगा की ये आदमी व्यापारी लगा रहा है ये मुझे ज्यादा पैसा देगा. उसने उससे पैसे मांगने शुरू किये.
वो आदमी थोड़ी देर देखता रहा और चिल्लाया तुम्हे तमीज नहीं है मुझे तुम्हे पैसे नहीं देने है तो क्यों तुम मेरे पास पैसे क्यों मांग रहे हो,क्लो ठीक है तुम्हारे पास क्या है मुझे देने के लिए मैं तो तुम्हे पैसे दूंगा पार तुम मुझे क्या दोगे.
भिकारी ने कहा बाबूजी मेरे पास तो देने के लिए कुछ नहीं है. मैं तो खुद भिखारी हु.मेरी औकात ही क्या है जो मैं आपको कुछ दे सकू .तो उस व्यक्ति ने कहा जब कुछ दे नहीं सकते तो मांगना बंद करो.
वो आदमी तो स्ततिओ पे उतर गया.ये भिखारी उतर गया और सोचने लगा की मैं क्या दे सकता हु. उसने आस पास देखा उसे कुछ पौधे दिखे उसमे कुछ फूल लग हुए थे. उसने देखा की मैं कुछ फूल दे सकता हु अगर मैं पैसे मांगू तो. तो अगले दिन से उसने ये प्रोसेस शुरू की,कोई उसे भिक देता तो उनको वो फूल देता. तो इससे लोगो को भी अच्छा लगने लगा की चलो अच्छा है की पहेली बार देखा की कोई फूल दे रहा है. ऐसा कुछ दिनों तक चलने लगा,फिर से वो आदमी उसे ट्रैन मैं दिखाई दिया. वो भिखारी जल्दी से उसके पास गया और बोला बाबूजी मरे पास देने के लिया कुछ है पहले आप मुझे भीख दो.
उसने विश्वास करके कुछ पैसे दिए, तो भिखारी ने होने झोली मैं से निकालकर उसको फूल दिया.वो बड़ा खुश हुआ उसने कहा अब तुम व्यापार करने लगे हो.अब तुम्हे समझ मैं आया की लेंन देंन क्या होती है. "जिंदगी मैं जब तक कुछ दे नहीं सकते ,कुछ भी लेना नहीं चाहिए ". ये बोलकर के व्यक्ति स्टेशन पर उतरकर चला गया.भिखारी उसके दिमाग मैं ये बाद जम गयी,उसने सोचा कुछ न कुछ तो मामला है. वो स्टेशन से उतर गया और जोर से चिल्लाने लगा की "मैं भिखारी नहीं व्यापारी हु" और मैं भी उस आदमी की तरह बन के दिखाऊंगा मैं भी एक दिन सूट बूट पहन के घूमूँगा. बड़ा बैग होगा पैस होंगे.ये बोलके आस पास के लोग बोलने लगे की पागल हो गया.
6 मैंने तक वो भीखारी दिखाई नहीं दिया.६ महीने के बाद दो सूटेड बूटेड आदमी एक दूसरे से मिलते है .ये वाला बंदा उस आदमीसे पूछता है. नमस्कार पहचाना ये हमारीतीसरी मुलाकात है. तो वो कहता है नहीं शायद हम पहिली बार मिल रहे है.तो वो व्यक्ति कहता है नहीं नहीं दो बार पहले मिल चुके है . उसने कहा मैं वो भिखारी हु. जिसको आपने पहिली बार सिखाया की लेंन देंन क्या होता और वो कितने बड़ी बात होती है.
तो दूसरी बार मैं सिखाया था की अगर मैं मेरी सोच आप की तरहा बड़ा कर दूंगा टी में आपकी तरह बड़ा आदमी बनूँगा और देखिये मैं आज आप की तरह बन गया. मैंने पहले फूल तोड़कर लोगो को देने शुरू किये .फिर मैंने फूल बेचने शुरू किये और आज मैं फूलो का बड़ा व्यापारी बन चूका हु और मेरा फूलो का बहुत बड़ा बिज़नेस है.
दोस्तों ये छोटी सी कहानी हमें बहुत कुछ सीखा देती है की जब तक आप एफर्ट नहीं लगाएंगे,शक्ति नहीं देंगे अपनी जिंदगी मैं तब तक आपको रिजल्ट नहीं मिलेगा और दूसरी बात हम लाइफ टाइम यही सोचते है की मेरी ज़िन्दगी यही तक है.
तो मैं एक बात कहना चाहता हु की अपनी चादर को बड़ी कीजिये तो आप आराम से पैर फैला सके.और दोस्तों कुछ भी मुश्किल नहीं है जिंदगी मैं अगर कुछ करने का जस्बा है तो सब कुछ मिल सकता है.कभी भी जन्दगी मैं हार मत मानिये,हो सकता थोड़ा रुकिए और फिर से शुरू कीजिये .
दोस्तों मैं आशा करता हु आशा नहीं बल्कि मुझे यकींन है की ये कहानी आपको जरूर पसंद आयी होगी तो चलिए मैं आपको दोस्त आशिष जल्दी ही नए पोस्ट में मिलेंगे.
वो आदमी थोड़ी देर देखता रहा और चिल्लाया तुम्हे तमीज नहीं है मुझे तुम्हे पैसे नहीं देने है तो क्यों तुम मेरे पास पैसे क्यों मांग रहे हो,क्लो ठीक है तुम्हारे पास क्या है मुझे देने के लिए मैं तो तुम्हे पैसे दूंगा पार तुम मुझे क्या दोगे.
भिकारी ने कहा बाबूजी मेरे पास तो देने के लिए कुछ नहीं है. मैं तो खुद भिखारी हु.मेरी औकात ही क्या है जो मैं आपको कुछ दे सकू .तो उस व्यक्ति ने कहा जब कुछ दे नहीं सकते तो मांगना बंद करो.
वो आदमी तो स्ततिओ पे उतर गया.ये भिखारी उतर गया और सोचने लगा की मैं क्या दे सकता हु. उसने आस पास देखा उसे कुछ पौधे दिखे उसमे कुछ फूल लग हुए थे. उसने देखा की मैं कुछ फूल दे सकता हु अगर मैं पैसे मांगू तो. तो अगले दिन से उसने ये प्रोसेस शुरू की,कोई उसे भिक देता तो उनको वो फूल देता. तो इससे लोगो को भी अच्छा लगने लगा की चलो अच्छा है की पहेली बार देखा की कोई फूल दे रहा है. ऐसा कुछ दिनों तक चलने लगा,फिर से वो आदमी उसे ट्रैन मैं दिखाई दिया. वो भिखारी जल्दी से उसके पास गया और बोला बाबूजी मरे पास देने के लिया कुछ है पहले आप मुझे भीख दो.
उसने विश्वास करके कुछ पैसे दिए, तो भिखारी ने होने झोली मैं से निकालकर उसको फूल दिया.वो बड़ा खुश हुआ उसने कहा अब तुम व्यापार करने लगे हो.अब तुम्हे समझ मैं आया की लेंन देंन क्या होती है. "जिंदगी मैं जब तक कुछ दे नहीं सकते ,कुछ भी लेना नहीं चाहिए ". ये बोलकर के व्यक्ति स्टेशन पर उतरकर चला गया.भिखारी उसके दिमाग मैं ये बाद जम गयी,उसने सोचा कुछ न कुछ तो मामला है. वो स्टेशन से उतर गया और जोर से चिल्लाने लगा की "मैं भिखारी नहीं व्यापारी हु" और मैं भी उस आदमी की तरह बन के दिखाऊंगा मैं भी एक दिन सूट बूट पहन के घूमूँगा. बड़ा बैग होगा पैस होंगे.ये बोलके आस पास के लोग बोलने लगे की पागल हो गया.
6 मैंने तक वो भीखारी दिखाई नहीं दिया.६ महीने के बाद दो सूटेड बूटेड आदमी एक दूसरे से मिलते है .ये वाला बंदा उस आदमीसे पूछता है. नमस्कार पहचाना ये हमारीतीसरी मुलाकात है. तो वो कहता है नहीं शायद हम पहिली बार मिल रहे है.तो वो व्यक्ति कहता है नहीं नहीं दो बार पहले मिल चुके है . उसने कहा मैं वो भिखारी हु. जिसको आपने पहिली बार सिखाया की लेंन देंन क्या होता और वो कितने बड़ी बात होती है.
तो दूसरी बार मैं सिखाया था की अगर मैं मेरी सोच आप की तरहा बड़ा कर दूंगा टी में आपकी तरह बड़ा आदमी बनूँगा और देखिये मैं आज आप की तरह बन गया. मैंने पहले फूल तोड़कर लोगो को देने शुरू किये .फिर मैंने फूल बेचने शुरू किये और आज मैं फूलो का बड़ा व्यापारी बन चूका हु और मेरा फूलो का बहुत बड़ा बिज़नेस है.
दोस्तों ये छोटी सी कहानी हमें बहुत कुछ सीखा देती है की जब तक आप एफर्ट नहीं लगाएंगे,शक्ति नहीं देंगे अपनी जिंदगी मैं तब तक आपको रिजल्ट नहीं मिलेगा और दूसरी बात हम लाइफ टाइम यही सोचते है की मेरी ज़िन्दगी यही तक है.
तो मैं एक बात कहना चाहता हु की अपनी चादर को बड़ी कीजिये तो आप आराम से पैर फैला सके.और दोस्तों कुछ भी मुश्किल नहीं है जिंदगी मैं अगर कुछ करने का जस्बा है तो सब कुछ मिल सकता है.कभी भी जन्दगी मैं हार मत मानिये,हो सकता थोड़ा रुकिए और फिर से शुरू कीजिये .
दोस्तों मैं आशा करता हु आशा नहीं बल्कि मुझे यकींन है की ये कहानी आपको जरूर पसंद आयी होगी तो चलिए मैं आपको दोस्त आशिष जल्दी ही नए पोस्ट में मिलेंगे.


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