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Sunday, October 14, 2018

अगर आप हर बात पे ग़ुस्सा करते हो तो ये कहानी आपके लिए

लोग क्या कहेंगे ये कभी भी मत सोचना क्यों क्यों की लोग और जमाना काफी अजीब है. जमाना नाकामयाब लोगो का मजाक उडाता है और कामयाब लीगो से जलता है.दोस्त आज की कहानी है की एक राज्य में राजा का दरबार लगा था और सर्दियों के दिन थे तो दरबार धुप में लगा था.राजा के सभी लोग बैठे हुए थे दीवान ,मंत्री,राजा का परिवार , पंडित हर कोई बैठा हुआ था.राजा के सामने मेज रख दी गयी थी.

अगर आप हर बात पे ग़ुस्सा करते हो तो ये कहानी आपके लिए


तभी अचानक भीड़ में से एक आदमी आता है और कहता है की मुझे राजा साहब से मिलना है.मेरे पास दो चीजे है जिनकी मैं परीक्षा लेना चाहता हु.राजा तक बात पहुंच गयी राजा ने कहा आने दीजिये.उस आदमी को खुले दरबार में आने की अनुमति दी गयी और वो वह पहुंच गया इजाजत ले करके.

राजा के कहा बताओ बात क्या है.आदमी ने कहा मेरे पास दो चीजे है एक जैसे दिखने वाली एक आकार की बिलकुल एक समान. लेकिन इनमे से एक हीरा है और एक कांच है और अब तक मैं कई राज्यों में गया हु कई राजाओ से मिला हु.लेकिन इनमे से कोई भी नहीं पहचान पाया की असली हिरा कोनसा है और नकली हिरा कोनसा है.आपकी भी परीक्षा लेना चाहता हु आपके दरबार में कोई बुद्धिमान है.


जो ये बता सके और अगर किसी ने सही बताया तो ये हीरा आपके राज्य के खजाने में जमा किया जायेगा. लेकिन अगर नहीं बता पाए तो इस हीरे की कीमत आपको मुझे देनी होगी.बस इसी तरह मैं जीतता चला आ रहा हु.राजा ने कहा ठीक है आप पेश करे.राजा के सामने वाली मेज पर ये दोनों चीज को रखा दिया गया.एक हिरा और दूसरा नकली हिरा.


राजा ने सब लोगो से कहा अपने दीवानोसे मंत्रियोसे सब से कहा की एक एक कर के आओ और बताओ .कुछ लोगो ने हिम्मत की, कुछ लोगो को लगा की अगर राजा साहब हार गए तो उल्टा दोष हमपर आ जायेगा.तो कुछ आगे नहीं आये.राजा को समझ  नहीं आ रहा था और यहाँ उनकी हार हो रही थी.तभी भीड़ में से एक अंधे बाबा बहार आ गए और उन्होंने कहा की राजा साहब से मुझे मिलने दिया जाया मैं एक बार कोशिश करना चाहता हु.राजा तक बात पहुंची की एक अंधे बाबा है जो एक बार कोशिश करना चाहते है.राजा ने कहा ठीक है किसीसे हो नहीं रहा तो इन को भी मौका दे देते है.अंधे बाबा आगे आये और एक मिनट में उन्होंने बताया की असली हीरा कोनसा है और नकली कोनसा है.


हर कोई खुश हो गया हर कोई चौक गया की क्या बात है,राजा का सम्मान बच गया राज्य में एक हिरा आ गया.हिरे को तिजोरी में जमा करने की तैयारी होने लगी.पर इन सब के बिच राजा ने बाबा से पूछा की बाबा एक बात तो बताओ की अपने पहचाना कैसे .बूढ़े बाबा ने कहा की बहोत आसान था.हम खुले में बैठे है ,धुप में बैठे है. जो धुप में गरम हो गया वो कांच और जो ठंडा रह गया वो हिरा.


इस कहानी से हमें ये सीखने को मिलता है की जिंदगी में हम छोटी छोटी बातो पर ग़ुस्सा करते है नाराज़ होते है अपनों से नाराज़ होते है और जिंदगी में हमारे दोस्त कम होते जाते है.इससे अपने कम होते है, रूठते चले जाते है.जिसने जिंदगी में आपा नहीं खोया. जो विपरीत परिस्थितियों में भी टिका रहा .ठंडा रहा वही जीतता है, वही सिकंदर कहलाता है और इसीलिए जिंदगी के दबाव में आना बंद कीजिये.


हम कई बार हर बात पर रूठते है अपनों से खफा हो जाते है.क्यों की आपको या आपकी बात कोई टाले ये आपको बर्दाश्त नहीं होता और कई बार हम हारते है अपनों से.तो इसलिए दोस्तों ठंडा रहे ग़ुस्से को कण्ट्रोल कीजिये दिखिए आप कितना अच्छा महसूस करेंगे और जो आपपे ग़ुस्सा है वो अंदर ही अंदर टूटता चला जायेगा.तो फिर आप उन्हें भी ये बात समझाए और हमेशा खूश रहे.

धन्यवाद् ....!                            

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