Nepoleon Bonapart |
नेपोलियन बोनापार्ट French का एक महान योद्धा था.एक बार नेपोलियन उसकी सेना को आल्पस पर्वत पार करना था. आल्पस पर्वत इसके पहले किसी ने भी पार नहीं किया था और ना ही किसी को पता था कि आल्पस पर्वत के ऊपर क्या है. तो इस वजह से यह बहुत मुश्किल काम था, परंतु नेपोलियन बोनापार्ट जिसे रिस्क(Risk) लेने की आदत है वह कहां मानने वाला था और उसने ठान ली के हमें अल्पस पर्वत पार करना है और वह उनके सैनिकों के साथ चल पड़े. लकी सैनिकों के मन में डर था कि आल्पस पर्वत पहले किसने पार नहीं किया था तो यह हमारे बस की बात नहीं है, परंतु नेपोलियन बोनापार्ट उनको बीच-बीच में मोटिवेट(Motivate) करते थे.
रास्ते में चलते चलते उनको एक बूढ़ी औरत मिल गई , एक तो उन्होंने कहा कि कहां जा रहे हो तो नेपोलियन ने कहा कि हमें अल्पस पर्वत पार करना है तो इस बात पर वह बूढ़ी औरत हंसने लगी और कहां इससे पहले आल्पस पर्वत पार करने की हिम्मत किसी ने नहीं की और जिसने भी की है वह को लौट कर वापस नहीं आया तो तुम यह ख्याल अपने मन से निकाल दो और वापस चले जाओ, लेकिन यह बात सुनकर नेपोलियन बोनापार्ट हंसने लगे और उस औरत को कहा कि तुमने मेरा हौसला 2 गुना ज्यादा कर दिया अब मैं इससे पर्वत को पार करके ही दम लूंगा .
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उस बूढ़ी औरत ने कहा तुम पहले ऐसे व्यक्ति हो जो मेरे बातों से निराश नहीं हुए. नेपोलियन ने कहा अगर मैं वापस आया तो मेरा सम्मान करना और यह कहते हुए नेपोलियन ने अपने गले का हार उस बुढ़ि औरत को दे दिया और आगे चलने लगे .लेकिन उस बूढ़ी औरत की बात सुनकर सैनिक थोड़े डर से गए लेकिन नेपोलियन ने उनका भी हौसला बढ़ा दिया.
Nepolian And Soldiers |
बीच-बीच में उनके सैनिक उनसे कहते रहे यही है आल्प्स पर्वत तो नेपोलियन कहते रहे नहीं यह तो छोटा सा पर्वत है अल्पस पर्वत इससे बहुत विशाल है और वह आगे चलते रहे. फिर सैनिक उनसे कहते रहे कि यही है पर्वत ,तो नेपोलियन कहते रहे नहीं यह तो बहुत छोटा सा पर्वत है वह पर्वत तो इस से भी बड़ा है .आखिरकार वो एक पर्वत के ऊपर आ गए और उसके चारों तरफ कोई दूसरा बड़ा पर्वत नहीं था , तो यह देखकर उनके सैनिक कहते थे कि कौन सा है आल्पस पर्वत , तो नेपोलियन ने कहा कि जहां पर तुम खड़े हो वही है अल्पस पर्वत तो यह बात सुनकर उनके सैनिक खुशी से झूम उठे और आखिरकार नेपोलियन ने और उनके सैनिकों ने आल्प्स पर्वत पार कर लिया. नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस का एक महान लीडर था और impossible का शब्द उसके डिक्शनरी में था ही नहीं और इसीलिए नेपोलियन को दुनिया का महान योद्धा कहा जाता है.
दोस्तों अल्पस पर्वत बहुत बड़ा बड़ा पर्वत था , पर उस पर जाना मतलब जान जोखिम में डालना लेकिन यह बात जानते हुए भी नेपोलियन और उनकी टीम ने उस पर्वत को पार कर लिया. इससे यह बात पता चलती है जब तक हम जोखिम भरे काम नहीं उठाएंगे तब तक हम सफल नहीं होंगे , धीरे धीरे ही सही है उन्होंने अल्पस पर्वत को पार कर लिया, हमें भी जीवन में छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर अपने गोल (Goal)को हासिल करना होगा.
अगर नेपोलियन की जगह कोई दूसरा आदमी होता और वह उस बुढ़िऔरत की बात सुनकर फौरन वापस लौट जाता,लेकिन नेपोलियन ने उस औरत की बातों को पॉजिटिव(Positive) में लेकर और अपने हौसले को और एनर्जी देकर चल गए.
दोस्तों आखिरकार इस कहानी का जो Moral है कि हमें किसी भी मुसीबत का सामना हिम्मत से करना चाहिए, हमारे रास्ते में उस बूढ़ी औरत की तरह कई तरह की परेशानियां आएंगी कई तरह के लोग हमें हम पर हंसेंगे और कहेंगे कि तुम आगे नहीं बढ़ सकते लेकिन उनकी बातों को अपनी पॉजिटिव एनर्जी में लेकर हमें आगे बढ़ना चाहिए.
नेपोलियन से हमें यह सीख मिलती है कि जिंदगी में कभी भी रिस्क(Risk) उठाने से मत डरो कुछ ना करने से अच्छा है थोड़ी रिस्क लो और आगे बढ़ो. क्या होगा या जीतेंगे या फिर हार जाएंगे . लेकिन रिस्क लेने के बाद हमें जो कॉन्फिडेंस(Confidence) मिलेगा वो किसी अजूबे से कम नहीं होगा.
मुसीबत एक हमारे जिंदगी का हिस्सा है उस पर रोते रहने के बजाएं उस मुसीबत का सामना करें. प्रॉब्लम(Problem) पर फोकस करने से बेहतर है कि हम solution पर फोकस करें और हमारी मुसीबत को face करें.अक्सर मुसीबत आ जाने पर हम हार मान लेते हैं लेकिन हमें उससे लड़ना चाहिए .
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