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Wednesday, October 17, 2018

ख़ुशी आपके अंदर है बाहर नहीं !


एक बार सेठ जी की दुकान पर एक आदमी काम करता था. बड़ी मेहनत से काम करता था, बड़ी लगन से  काम करता था. सेठ जी बड़े खुश थे, आदमी खुश था. कुछ अच्छा चल रहा था. 1 दिन उस आदमी ने बिना बताए छुट्टी कर ली, यानी अपने काम से छुट्टी  ली. वह गायब हो गया. सेठ जी ने कहा कि चक्कर क्या है बताया क्यों नहीं. क्या वजह हो सकती है . सेठी ने सोचा कि शायद पैसों की कमी हो सकती है. लड़का बड़ा मेहनती है, तो फिर सेठ जी ने  तनख्वाह बढ़ाने का सोच लिया 

                           ख़ुशी आपके अंदर है बाहर नहीं !

अगले दिन हो जब काम पर आया तो सेठ जी ने कहा देखो भैया तुम्हारी तनख्वाह बढ़ा दी गई है. अगले तारीख को उसके को पैसे ज्यादा मिल गए लेकिन उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया. सेठ जी को धन्यवाद नहीं दिया,  नाही खुश हुआ.अपना काम करता गया सेठ जी को लगा कि पैसा बढ़ा दिया गया तो और लगन से काम करेगा.



कुछ महीनों के बाद वह आदमी पेड़ से छुट्टी पर चला गया. आया नहीं सेठ जी को बड़ा गुस्सा आया अजीब आदमी है एक तुम ही उसका पैसा बड़ा है, ना ही उसने मुझे धन्यवाद कहा ना मुझे के कुछ बताया ना अपनी जिम्मेदारी समझी और फिर से छुट्टी कर गया. सेठ जी बड़े गुस्से में थे आदमी काम करने आया सेठ जी ने कहा कि देखो भैया तुम्हारा पैसा फिर से हटा दिया गया है. जो सैलरी तुम्हें पहले मिलते थी वही तुम्हें आज मिलेगी.


अगले महीने तारीख का है  और फिर से जी ने उसे पहले जितने की तनख्वाह दी.इस बार भी उसी लड़के ने  कोई भी रिएक्शन नहीं दिया ना खुश हुआ, ना दुखी हुआ.सेठ जी ने उसे बुलाया पूछा तो बताओ बात क्या है. जब तुम्हारे पैसे  बढ़ाएं तब तुम खुश नहीं हुए. जब तुम्हारे पैसे कम किए तब तुम  खुश नहीं हो आखिर चक्कर क्या है आदमी ने क्या कहा वह ध्यान से सुनिए.

सेठ जी जब पहली बार में छुट्टी पर गया .तब दिन मेरे घर बच्चा पैदा हुआ और आपने  मेरी तनख्वाह को बढ़ा दी  तुम मुझे लगा कि ऊपर वाले ने मेरे बच्चे का हिस्सा मुझे दिया तो मैं ज्यादा खुश नहीं हुआ.

दूसरी बार जब मैं नहीं आया अब मेरी मां का देहांत हो गया और जब आप ने मेरी तनख्वाह को घटा दिया तब मुझे लगा कि मेरी मां मेरे हिस्से का अपने साथ ले गई तो फिर मैं वह घटे हुए पैसों के लिए परेशान क्यों हु.

यह बात सुनने के बाद सेठ जी उसे अपने गले लगाया.

एक छोटी सी कहानी हमें यह बताती है हमारी जिंदगी में कितने सारे Up and down आते हैं .कई बार बहुत अच्छा वक्त आता है कई बार बहुत बुरा वक्त आता है उस आदमी को देखिए जब उसका पैसा बड़ा तो  आदमी उछला नहीं. ना ज्यादा खुश हुआ.

और जब बुरा वक्त आया तो ज्यादा दुखी भी नहीं हुआ कहने का मतलब बड़ा सिंपल है.  सिकंदर वही होता है जो हर वक्त को पार करके आगे बढ़ जाए.इसलिए दोस्तों जिंदगी के दबाव में आना बंद कर दीजिए और अपनी जिंदगी खुशी से  जी ले. अगर कोई किसी दुकान पर मिलती दुनिया में हर इंसान दुखी नहीं होता लेकिन खुशी आपके अंदर है ढूंढने से आपको नहीं मिलेगी इसलिए खुशी को महसूस कीजिए.



 धन्यवाद

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