- मुँह पर कड़वा बोलने वाले कभी दिखा नहीं देते,मीठे बोलने वालो से हमेश डरना चाहिए,जो दिल में नफरत पालते है,और समय के साथ बदल जाते है.
- कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फीअसले बदल लेते है .
- सच्चे लोगो को कभी प्रसंशा की आवश्यकता नहीं होती और असली फूलो को कभी इत्र लगाने की जरुरत नहीं पड़ती .
- छोटे थे हर बात भूल जाया करते थे ,दुनिया केअहति थी याद करना सीखो ,बड़े हुए तो हर बात याद रहती है ,दुनिया कहती है की भूलन सीखो .
- नजर अंदाज़ करो उन लोगो को जो आपके बारे में पीठ पीछे बात करते है ,क्यूंकि वे उसी जगह रहने लायक है ,आपके पीछे
- कुछ भी नया करने मैं संकोच मत करो, यह मत सोचो की हार होगी,हार तो कभी नहीं होती या तो जीत मिलती है या सिख
- भरोसा उसपर करो जो तुम्हारी तीन बातें जान सके,हंसी के पीछे का दर्द,गुस्से के पीछे का प्यार और आपके चुप रहने की वजह
- रिश्तो की सिलाई अगर भावनाओंसे हुई हो तो टूटना मुश्किल है अगर स्वार्थ से हुई हो तो टिकना मुश्किल है.
- न तो इतने कड़वे बनो की कोई थूक दे और न तो इतने कड़वे बनो की की कोई निगल ले.
- किसी की निंदा करने से यह पता चलता है की आपका चरित्र क्या है, न की उस व्यक्ति का.
- क्यों भरोसा करता है गैरो पर,जब की तुम्हे चलना है खुद के पैरो पर.
- जिंदगी में कभी किसी को बेकार मत समझाना क्यूंकि बंद घडी भी दिन में दो कर सही समय बताती है.
- किसी की बुराई तय करने वाले इंसान की मिसाल उस मक्खी की तरह है जो सरे खूबसूरत जिस्मो को छोड़कर केवल जख्म पर बैठती है.
- टूट जाता है गरीबी मैं वो रिश्ता जो ख़ास होता है ,हजारो यार बनाते है जब पैसा पास होता है .
- मुस्कुरा कर देखो तो सारा जहा रंगीन है वरना भीगी पलकों से तो आईने भी धुंदले नजर आते है.
- जल्दी मिलाने वाली चीजे ज्यादा देर तक टिकती नहीं,और ज्यादा देर तक टिकने वाली चीजे जल्दी मिलती नहीं.
- बुरे दिनों का एक अच्छा फायदा है,अच्छे अच्छे दोस्त परख जाते है.
- बीमारी खरगोश की तरह आती है और कछुए की तरह जाती है जब की पैसा कछुए की तरह आता है खरगोश की तरह ज्याता है.
- छोटी छोटी बातो में आनंद लेना चाहिए क्यूंकि बड़ी बड़ी बातें जीवन मैं कुछ ही बार होती है .
- लगातार हो रही असफलताओ से निराश नहीं होना चाहिए,क्यूंकि कभी कभी गुच्छे की आखरी चाबी टाला खोल देती है.
- यह सोच है हम इंसानो की की अकेला क्या कर सकते है,पर देख जरा ु सूरज को वो अकेला ही तो चमकता है.
- अब वफ़ा की उम्मीद भी किस से करे भला ,मिटटी के लोग कागजो मैं बिक जाते है .
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