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Wednesday, August 22, 2018

नौकरी चली गई ,कोई टेंशन नहीं विश्वकर्मा अकाउंट है ? Vishwakarma Account Scheme to save Money after losing job?

 विश्वकर्मा अकाउंट योजना 


What is Vishwakarma Account Scheme?

                                          विश्वकर्मा अकाउंट योजना 




आजकल नौकरी मिलना काफी कठिन हो गया है उसके लिए काफी मारामारी मची हुई है. एक जगह के लिए हजारों फॉर्म आते हैं. जितनी तकलीफ नौकरी पाने के लिए उससे कहीं ज्यादा उस नौकरी को बचाने के लिए.  और झूठी नौकरी की खबरों से काफी दिक्कत हो रही है. एक तो नौकरी मिल गई फिर उसे बचाओ काफी  कठिनाइयां हो रही है.  ऐसे में मोदी सरकार ने एक योजना जारी की है जिसका नाम विश्वकर्मा खाता  और विश्वकर्मा अकाउंट योजना है.

  नरेंद्र मोदी ने प्रोविडेंट फंड पेंशन के साथ तमाम सोशल सिक्योरिटी यानी सामाजिक सुरक्षा सिक्योरिटी स्कीम तैयार की है. सरकार सरकारी स्कीम के तहत 50 करोड़ लोगों का विश्वकर्मा अकाउंट खोलेगी. यानी 50  करोड़ लोगों को PF के पेंशन के साथ ही अधिक सिक्योरिटी के बेनिफिट मिलेगा. इसमें लगभग हर भारतीय नागरिक कवर होगा. यानी आने वाले समय में सभी लोगों की पीएफ और पेंशन की समस्या लगभग सुनिश्चित  करेगी.सरकार इसका ड्राफ्ट तैयार कर चुके हैं .

 अगर कोई व्यक्ति प्राइवेट नौकरी कर रहा है और फिर उसकी नौकरी चली जाती है .लेकिन उसको अपने परिवार का खर्च चलाने की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होगी.उसका विश्वकर्मा अकाउंट उनका और उनके परिवार का पालन पोषण करेगी. लगभग 50 करोड लोगों को इसका लाभ मिलने वाला है. इसका मकसद यह है के बेरोजगारी के दौरान वह कोई दूसरा जॉब ढूंढ ले.अगर कोई अस्वस्थ होने के कारण काम करने के योग्य नहीं रह जाता तो इन वैलिडिटी बेनिफिट के तहत उसे एक राशि का भुगतान किया जाएगा. साथ में कोई भी व्यक्ति अगर स्वयं कोई काम धंधा कर रहा है  तो वह अपना विश्वकर्मा खाता खुद खुलवा सकता है.


 कैसे  बनेगा विश्वकर्मा अकाउंट:


  इस योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी भी कंपनी में काम करता है.तो उस कंपनी की यह जिम्मेदारी होगी उसका विश्वकर्मा अकाउंट खोल दिया जाए. यानी उस व्यक्ति का सोशल सिक्योरिटी अकाउंट विश्वकर्मा  खाता खुलवाए और इसके लिए सरकार अलग से व्यवस्था करेगी.अगर उस कंपनी ने सही समय पर उस व्यक्ति का खाता नहीं खुलवाया .तो खुद वह व्यक्ति अपना खाता खुलवा सकता है.उसका यह खाता पोर्टेबल रहेगा.  मतलब  वह व्यक्ति मुंबई में काम कर रहा है उसके बाद उसे किसी दूसरी जगह पर काम लग गया. तो उसे नया विश्वकर्मा अकाउंट खोलने की जरूरत नहीं  होगी. क्योंकि उसकापहले से ही अकाउंट बन चुका है .



 सरकार उन 50 वर्करों को  करोड़ सामाजिक और आर्थिक मदद पर अलग-अलग कैटेगिरी में बांटेगी .जो  व्यक्ति सामाजिक और आर्थिक रुप से कमजोर होगा. उसका विश्वकर्मा अकाउंट में  कोई भी कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं होगा और उनका सामाजिक बेनिफिट कॉन्ट्रिब्यूशन सरकार करेगी. वही वर्कर जितनी उनकी इनकम होगी  कि वह विश्वकर्मा अकाउंट में कंट्रीब्यूट करें.

विश्वकर्मा  खाते के  फायदे   :


यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत  50  करोड़ कर्मचारियों को


  •  PF, पेंशन  के अलावा 
  •  इंटरनेशनल वर्कर पेंशन 
  •  डिपेंडेंट बेनिफिट
  •  इन वैलिडिटी बेनिफिट 
  •  अन एंप्लॉयमेंट बेनिफिट 
  •  मैटरनिटीबेनिफिट 
  •  सिकनेस बेनिफिट
  •  मेडिकल बेनिफिट  और 
  •  इंश्योरेंस कवर  बेनिफिट 
           के  10 फायदे होंगे .

Conclusion: 

नौकरी मिलने और उसे बचाने के लिए लगभग हर क्षेत्र में चुनौतियां बनी रहती है और मामूली गलती से कर्मचारियों की अहमियत दांव पर लग जाती है और फिर उनके जो बॉस है वह काफी सख्त हो जाते हैं.बॉस  बात-बात पर नौकरी छोड़ने का  Pressure डालते हैं.

 एक सर्वे के अनुसार रोजगार बनने के बजाए देश में प्रतिदिन 500  रोजगार समाप्त हो रहे हैं. मतलब 2050 तक  करीब 60 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे. उसी दौरान देश की लोकसंख्या यानी आबादी बढ़ चुकी होंगी. इसके बाद ऑटोमेशन की वजह से नौकरियां जाने की संभावना बढ़ चुकी होगी . पिछले 2 साल में  देश में सिर्फ 1.35 लाख नए रोजगार मिले हैं. अब ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी सरकार विश्वकर्मा खाते की अहमियत को समझने की जिम्मेदारी है.

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