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Friday, September 21, 2018

हमेशा सिखते रहिये चाहे छोटा हो या बड़ा | Motivational Story

 
हमेशा सिखते रहिये चाहे छोटा हो या बड़ा | Motivational Story


एक आदमी बहुत अच्छी पेंटिंग बनाता था . वह आदमी रोज सुबह मार्केट में जाता था और अपनी पेंटिंग ₹500 में बेच कर आता था . उसकी कमाई महीने की 1500 rs. होती थी. ऐसे उसका गुजारा चल रहा था और उसका यह फिक्स था शाम को 1 पेंटिंग बनाएगा और उसको सुबह बेचने चला जायेगा. ऐसे करते हुए काफी साल हो गए. आदमी की उम्र हो गई उम्र कितनी हो गई थी. आदमी से पेंटिंग करना नहीं होता था .उसके हाथ कांपने लग गए थे उसका एक बेटा था . उसने सोचा उसका ही हुनर अपने बेटे को सिखाएं जाए. फिर उसने अपने बेटे को सिखाना शुरू कर दिया.


क्योंकि उसने भी पेंटिंग करना अपने पिता से सीखा था.  उसने अपने बेटे से कहा कि बेटा अब मेरी उम्र हो गई है. अब से पेंटिंग तू करेगा मैं तुझे सिखाऊंगा की पेंटिंग कैसे करते रहते हैं. फिर वह अपने बेटे को सिखाता है. पेंटिंग करना कलर कैसे करते हैं, पेंटिंग को सजाते कैसे हैं और इमेजिन कैसे करते हैं, अट्रैक्टिव कैसे बनाते हैं, पीसी कैसे यूज करते हैं, पेंटिंग को बेचते कैसे हैं .धीरे धीरे बेटा काफी हद तक सीख चुका था और उसने पेंटिंग बनाना सीख लिया था और उसमें एक पेंटिंग बनाई अच्छे से और मार्केट में गया उसको  बेचने के लिए. और सो रुपए में बैठकर वह घर आया घर आया .


पिताजी को बताया पिताजी बहुत खुश  हुए कि मुझे बहुत खुशी हुई कि तूने अपनी पहली पेंटिंग बेचि. लेकिन वह खुश नहीं था उसने अपने पिताजी से कहा कि पिताजी आप अपनी पेंटिंग ₹500 में  बेचते थे लेकिन मेरी पेंटिंग केवल ₹100 में बेची. पिताजी मुझे थोड़ा और सिखाओ आपको जरूर ऐसा कुछ पता है ,जो मुझे पता नहीं तो पिताजी ने उसे और थोड़ा ट्रेन किया कुछ महीने बाद वह एक्सपर्ट हो चुका था थोड़ा और उसने अच्छी पेंटिंग बनाई ,मार्केट में गया और उसे बेच आया और इस बार पेंटिंग ₹200 में बेची.


 वह घर आया कुछ नहीं था उसने पिताजी से वही बोला के पिताजी मैं अभी भी खुश नहीं हूं.क्योंकि मेरे पेंटिंग केवल ₹200 में बेची लेकिन आप अपनी पेंटिंग ₹500 में बेच के आ जाते थे. लेकिन आपको अभी भी कुछ ऐसा पता है जो मुझे पता नहीं पिता ने उसको फिर भी ट्रेन किया फिर से कुछ ऐसा बताया जो उसे मालूम नहीं था. किस तरह से पीसी करते हैं ,किस तरह से कलर करते हैं यह सब बताया.उसको और सिखाया गया और पेंटिंग बनाई, अच्छे से उसको सिखाकर एक अच्छी पेंटिंग बनाई इस बार मार्केट गया और इस बार उसने अपनी पेंटिंग ₹300 में बेची बेटा फिर से घर आया. पिताजी को बताया पिताजी इस बार मैंने पेंटिंग ₹300 में बेचीं बहुत अच्छी बात है पिता जी बड़े खुश हुए हैं कि यह तो बहुत अच्छी बात है तुम तरक्की करते जा रहे हो पर बेटा मायूस था.


  उसने कहां के पिताजी अभी भी मेरी पेंटिंग ₹500 में नहीं बेचि.  ऐसा आपको क्या पता है जो मुझे पता नहीं  तो पिता ने कहा कि बेटा तुम मायूस ना हो. मैं तुम्हें बताऊंगा कि और अच्छे से पेंटिंग कैसे बनाते हैं. अगले दिन हो गया पेंटिंग  बेचकर घर आया तुम पहली बार बहुत ज्यादा खुश था पिताजी ने कहा कि तुम ऐसे खुश कैसे लग रहे हो.  तो बेटे ने कहा कि पिताजी मैंने इस बार पेंटिंग ₹700 में बेची. पिता जी बड़े खुश हुए, मुझे बहुत खुशी हुई कि तेरी पेंटिंग ₹700 में बिकी पिताजी .अब मैं तुझे बताऊंगा कि पेंटिंग को ₹1000 में कैसे  बेचते हैं.  


बेटा बोला बस करो मैं पेंटिंग ₹700 में बैच कर आया हूं आज तक आपने अपनी जिंदगी में ₹500 से ज्यादा पेंटिंग नहीं बेची. आप मुझे सिखाओगे की हजार रुपे में कैसे पेंटिंग बेचते हैं. पिताजी ने कहा कि बेटा अब तेरी पेंटिंग ₹700 से ज्यादा नहीं बिकेगी. क्योंकि अब तेरा सीखना बंद हो गया .क्योंकि जब मैं अपने पिता से सीख रहा था .तुम्हारे दादा से सीख रहा था, वह अपनी पेंटिंग ₹300 में बेच दिया करते थे. तब मैंने भी किसी दिन अपनी पेंटिंग ₹500 में बेची थी. तब मैंने भी अपने पिताजी से यही कहा था पिताजी बस करो अपने अपने जीवन में ₹300 से ज्यादा पेंटिंग नहीं बेची और मैंने अपनी जिंदगी में ₹500 की पेंटिंग बेची और मैं आपसे क्या सिखु. बेटा उस दिन के बाद मैंने सीखना बंद कर दिया और आज तक में भी ₹500 से ज्यादा पेंटिंग नहीं बेच पाया.


क्यूंकि मेरे अंदर अहंकार आ गया था और ये अहंकार ज्ञान का बहोत बड़ा दुश्मन है किसी ज्ञानी के लिए. ये अहंकार किसी जहर से काम नहीं है .जो धीरे धीरे उसे ख़तम कर देता है और उसे रोक देता है .जब हम ये मानने लगते है कि इससे कैसे सिखु मैं तो इससे और अच्छा कर रहा हु .तब हम सीखना बंद कर देते है और जिसका सीखना बंद हो गया उसकी प्रोग्रेस बंद हो गयी .हम सभी इंसान से थोड़ा थोड़ा करके बहोत कुछ सिख सकते है ."क्यूंकि कोई भी इंसान सब नहीं जानता ,लेकिन हर इंसान थोड़ा थोड़ा जरूर जानता  है ".


दोस्तों सीखना सभीको चाहिए चाहे वो कोई भी हो .हमेंने सीखना बंद किया तो हमारा जितना बंद हों गया .इंसान की कितनी भी आयु हो उसे सीखना बंद नहीं करना चाहिए. अगर अपने इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा है तो बहोत कॉंग्रट्स की अपनी अपनी लाइफ का बहोत बढ़िया लेसन पढ़ा है .कमेंट करके बता द्जिये की अपने इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा है .क्यों की ईएसए मुझे मोटिवेशन मिलता है की मैं  और अच्छीसी पोस्ट और लिखू और आपको कुछ नया बताऊ और मैं आशीष आपके सपनों को हमेशा सपोर्ट करूँगा और लास्ट मैं दोस्तों हमेशा सिखाते रहिये .छोटो से बढ़ो से किसीसे भी और जिंदगी में आगे बढ़ते रहिये .


धन्यवाद ....!

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